हमारे बारे में
- प्रोफ़ाइल
- संगठन संरचना
- इतिहास
- भाप्रमु प्रबंधन
प्रोफ़ाइल
भारत प्रतिभूति मुद्रणालय (भाप्रमु, नाशिक) वर्ष 1925 में स्थापित एसपीएमसीआईएल की सबसे पुरानी इकाई है, जो विभिन्न प्रकार के प्रतिभूति उत्पादों का मुद्रण करती है। यह भारत का एकमात्र संगठन है जो भारत सरकार के लिए पासपोर्ट और अन्य यात्रा दस्तावेज मुद्रित करता है। यह इकाई भारतीय पासपोर्ट, वीजा संबद्ध स्टिकर, गैर-न्यायिक स्टांप पेपर, न्यायिक टिकट, एमआईसीआर चेक, उत्पाद शुल्क चिपकने वाले लेबल, विश्वविद्यालय डिग्री प्रमाण पत्र, बीज प्रमाणन टैग आदि सहित विभिन्न प्रतिभूति उत्पादों का उत्पादन एवं मुद्रण करता है । वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, भारत प्रतिभूति मुद्रणालय ने 11.45 मिलियन पासपोर्ट बुकलेट तथा 165.086 मिलियन एनजेएसपी और संबद्ध टिकटों को मुद्रित किया|
भाप्रमु नाशिक, मुद्रित प्रतिभूति उत्पादों का भंडारण करता है और विभिन्न संगठनों से प्राप्त मांगपत्रों (इंडेंट) के अनुसार उन्हें वितरित करता है । भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नाशिक, विभिन्न राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों तथा केंद्र सरकार के विभागों जैसे डाक विभाग, वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, भारतीय रिज़र्व बैंक और राज्य नगर निगमों तथा राज्य चुनाव आयोगों को भी प्रतिभूति उत्पादों की आपूर्ति करता है।
संगठन संरचना
इतिहास
भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक रोड,भारत प्रतिभूति मुद्रण तथा मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड का एक प्रमुख संगठन है जो भारत सरकार के पूर्ण स्वामित्वाधीन है । यह संगठन विभिन्न प्रकार के प्रतिभूति संबंधी उत्पादों जैसे गैर-न्यायिक स्टाम्प पेपर, न्यायिक स्टाम्प पेपर, राजस्व टिकट, न्यायालय शुल्क टिकट, पासपोर्ट बुकलेट, डाक टिकट, वीजा, विश्वविद्यालय प्रमाण पत्र, असांजक उत्पाद शुल्क टिकट तथा अन्य वस्तुओं आदि का मुद्रण एवं आपूर्ति करता है। महाप्रबंधक मुख्य कार्यपालक अधिकारी हैं, जो पदेन स्टाम्प नियंत्रक भी हैं।
1855 से पहले, महारानी के कलकत्ता टकसाल में सर्वे ऑफ़ इंडिया संगठन द्वारा डाक टिकट और अन्य सुरक्षा दस्तावेज मुद्रित किए जाते थे। 1862 और 1924 के बीच यह कार्य मे थॉमस डि-ला-रुएंड कंपनी लिमिटेड, लंदन को सौंपा गया था, जिसे भारतीय न्यायालय शुल्क राजकोषीय और डाक टिकट तथा स्टेशनरी के मुद्रण के लिए संविदा प्रदान की गई थी ।
भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक रोड, जिसे 1947 तक "सिक्युरिटी प्रिंटिंग इंडिया" के रूप में जाना जाता था, 1924 में, लेफ्टिनेंट कर्नल सर जॉर्ज एच.विलिस, मास्टर ऑफ मिंट, मुंबई और मि डी अस्कोली, आई.सी.एस, स्टाम्प मुद्रण नियंत्रक द्वारा तैयार की गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर स्थापित किया गया था । कारखाने में वास्तविक मुद्रण कार्य 1925 में शुरू हुआ ।
भारत प्रतिभूति मुद्रणालय से जुड़ा केन्द्रीय स्टाम्प डिपो है, जो मुख्य रूप से टिकट और अन्य प्रतिभूति संबंधित मदों के भंडारण और वितरित करने के लिए जिम्मेदार है जो विभिन्न ग्राहकों द्वारा दिए गए माँगपत्र (इंडेंट) पर आधारित होता है । केन्द्रीय स्टैम्प डिपो का वास्तविक गठन अक्तूबर 1983 में हुआ था। 1983 से पहले केन्द्रीय स्टाम्प डिपो (सी एस डी) को सेंट्रल स्टॉम्प स्टोर (सीएसएस) के रूप में जाना जाता था।
भारत प्रतिभूति मुद्रणालय के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि / महत्वपूर्ण घटनाक्रम / पड़ाव :
1923 : प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई ।
1924 : रिपोर्ट स्वीकृत की गई और आधारशिला रखी गई ।
1925 : डाक स्टेशनरी तथा टिकट का मुद्रण प्रारम्भ हुआ ।
1928 : करेंसी नोटों का मुद्रण प्रारम्भ हुआ ।
- 1925-26 के दौरान, सरकार ने करेंसी नोटों के मुद्रण के लिए बैंक ऑफ़ इंग्लैंड के साथ किए गए अनुबंध को समाप्त करने का निर्णय लिया। यह अनुबंध मूलतः जून 1929 में समाप्त होने वाला था ।
- प्रतिभूति मुद्रणालय, नासिक ने सबसे पहले 5 रुपए के नोटों का मुद्रण उसी नए पैटर्न पर किया था जिस तरह बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा 1925 से मुद्रित किया जा रहा था । इन्हें 9 अक्टूबर 1928 को कानपुर सर्किल से जारी किया गया ।
- 10 रुपए के नोटपूरी तरह से नए पैटर्न के नासिक में मुद्रित किए गए थे जो इंग्लैंड में मुद्रित नोटों से अलग और इसे जुलाई 1930 में जारी किया गया था। उसी समय पूरी तरह से नए पैटर्न पर 50 रुपए का नोट भी पहली बार जारी किया गया था ।
1929: से, अन्य विभिन्न प्रतिभूति उत्पादों को जोड़ा गया।
1962: 1/- रुपए के नोट का मुद्रण नए स्थान पर प्रारम्भ हुआ ।
1980: सभी करेंसी नोटों का मुद्रण नए स्थान पर स्थानांतरित किया गया ।
1989: उच्च कोटि के प्रतिभूति उत्पादों की आपूर्ति करने के लिए निम्न कोटि के प्रतिभूति उत्पादों का मुद्रण रोक दिया गया ।
2003: भारत प्रतिभूति मुद्रणालय, विश्व के सबसे बड़े प्रतिभूति मुद्रण संस्थानों में से एक है।
यात्रा दस्तावेज़ में महत्वपूर्ण घटनाक्रम / उपलब्धियां :
- भारतीय अंतरराष्ट्रीय सामान्य पासपोर्ट, प्रथम अंक -1953
- अधिकारी और राजनैयिक पासपोर्ट, प्रथम अंक-1953
- भारत और पाकिस्तान के बीच यात्रा के लिए पासपोर्ट बुकलेट का मुद्रण किया गया -प्रथमअंक-1968
- भारत और श्रीलंका के लिए पासपोर्ट:प्रथम अंक - 1973
- भारतीय अंतरराष्ट्रीय जंबो पासपोर्ट (60 पृष्ठ): प्रथम अंक- 1995
- मशीन से पठनीय भारत अंतरराष्ट्रीय सामान्य पासपोर्ट : प्रथम अंक -1995
- भारतीय मूल के व्यक्ति (पीआईओ) हेतु : प्रथम अंक -2002
- मशीन से पठनीय भारत अंतरराष्ट्रीय जंबो पासपोर्ट: प्रथम अंक–2006
भाप्रमु प्रबंधन
श्री राजेश बंसल
मुख्य महाप्रबंधक
श्री दिगंता कुमार डेका
अपर महाप्रबंधक (सामग्री)
श्री गरजीत सिंह
सयुंक्त महाप्रबंधक(तकनीकी कंट्रोल)
श्री महेश कुमार
संयुक्त महाप्रबंधक (वित्त)
श्री दीपक कुमार वर्मा
संयुक्त महाप्रबंधक(तक. प्रचालन)
श्री नीलेश रमेश जाधव
संयुक्त महाप्रबंधक (तकनीकी प्रचालन)
Mr. Mangesh Kasvekar
संयुक्त महाप्रबंधक (तकनीकी प्रचालन)
श्री अर्पित धवन
प्रबंधक (मानव संसाधन)
श्री बेंकटेश कुमार
महाप्रबंधक